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जाने श्याम बाबा की पूजा कैसे करनी चाहिए | खाटू श्याम बाबा पूजा विधि | Shyam baba ki puja kaise karni chahiye

श्याम बाबा की पूजा कैसे करनी चाहिए:कलयुग में पूछे जाने वाले खाटू श्याम बाबा की महिमा बड़ी ही निराली है कहा जाता है कि जो भी भक्त उनके दर्शन करने आता है और जो भी मनोकामना मांगता है वह अवश्य पूरी करते हैं उन पर अपनी कृपा बरसाते हैं  और  केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर से लोग खाटू श्याम मंदिर  मैं बाबा श्याम के दर्शन करने आते हैं  और  हर दिन  लाखों की संख्या में  भक्त खाटू श्याम बाबा के दर्शन करने आते हैं  इसलिए आज हम इस लेख में श्याम बाबा की पूजा कैसे करनी चाहिए  के बारे में  विस्तार से जानेंगे  तथा  भगवान खाटू श्याम को  कौन सा प्रसाद चढ़ाया जाता है  यह भी जानेंगे  तो चलिए आज का लेख शुरू करते हैं – श्याम बाबा की पूजा कैसे करनी चाहिए (Shyam baba ki puja kaise karni chahiye)

खाटू श्याम जी के बारे में अधिक जानें :- 

श्याम बाबा की पूजा कैसे करनी चाहिए: यदि आप  खाटू श्याम बाबा के बारे में  अधिक जानने के इच्छुक हैं तो  हमने नीचे सारणी में  खाटू श्याम बाबा के बारे में  कुछ पोस्ट मेंशन की है  जिसमें आप  खाटू श्याम बाबा  का इतिहास,  खाटू श्याम बाबा  का नाम, खाटू श्याम मंदिर जाने का रास्ता,  खाटू श्याम जी की आरती  को पढ़ सकते हैं – Shyam baba ki puja kaise karni chahiye

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श्याम बाबा की पूजा कैसे करनी चाहिए – Shri Khatu Shyam pujan vidhi

Shyam Baba Khatu Wale, जाने श्याम बाबा की पूजा कैसे करनी चाहिए? 

खाटू श्याम बाबा के प्रति  उनके भक्तों का विश्वास  बेहद ही अटूट है  क्योंकि ऐसा मानना है कि  जो भी खाटू श्याम बाबा से मांगते हैं  भगवान खाटू श्याम  उनकी सभी मनोकामना को पूर्ण करते हैं  और यदि आप भी  जानना चाहते हैं  की श्याम बाबा की पूजा कैसे करनी चाहिए तो  हमारे साथ इस लेख में बने रहे  चलिए श्याम बाबा की पूजा कैसे करनी चाहिए (Shyam baba ki puja kaise karni chahiye) के बारे में  पढ़ना शुरू करते हैं  वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें  खाटू श्याम बाबा की पूजा विधि  बेहद ही आसान है  तथा इसको करने के लिए  आपको किसी भी  प्रकार के अतिरिक्त सामग्री की आवश्यकता नहीं पड़ेगी – श्याम बाबा की पूजा कैसे करनी चाहिए

  • सर्वप्रथम आपको  बाबा श्याम की एक मूर्ति  को  पूजा स्थान पर  साफ कर रखना होगा
  • फिर आपको  पूजा के लिए  अगरबत्ती, धूप, घी का दीपक, पुष्प, फूल की माला, कच्चा दूध,  प्रसाद  आदि सामग्री को  एकत्रित  है
  • इसके पश्चात  अब आप को  श्याम बाबा की मूर्ति या फोटो को   पंचामृत या दही दूध से  स्नान करवाना होगा  फिर  पंचामृत दूध दही से स्नान कराने के बाद  वापस से  स्वच्छ जल से  स्नान करवाना होगा  फिर एक साफ-सुथरे  मुलायम कपड़े से  मूर्ति को अच्छी तरह से साफ कर लें  अब  मूर्ति को  मंदिर में विराजमान कर  इन पर फूल व माला चढ़ाएं
  • अब खाटू श्याम  जी की मूर्ति के सामने घी का दीपक जला दें अब श्याम बाबा को  धूप  व अगरबत्ती की सहायता से  पूजा करें
  • अब सबसे पहले श्याम बाबा को  कच्चे दूध  का  भोग लगाएं  फिर इसके बाद  भोग प्रसाद  का भोग लगाएं
  • अब दीपक की सहायता से  खाटू श्याम की मूर्ति  के सामने  दीपक घुमाते हुए  खाटू श्याम की आरती  गाते हुए वंदना करें
  •  अब इस आखिरी चरण में  हम खाटू श्याम भगवान से  जाने अनजाने में हुई  गलती के लिए  क्षमा प्रार्थना करेंगे
  • आरती के बाद बाबा श्याम के नामों का जयकारा लगाना  पूजा को और  सुलभ बनाता  है   जिनमें से कुछ नाम इस प्रकार है  जिस नामों  के जयकारे लगाने के लिए कर सकते हैं  जैसे :-  जय श्री श्याम,  जय खाटू वाले श्याम,  जय हो शीश के दानी,  जय हो कलयुग देवता,  जय हो खाटू नरेश की,  जय मोर्वये  पुत्र की,  जय हो खाटू वाले नाथ की,  जय मोरवी नंदन श्याम लला की,  लीले के अश्वार की जय,  जय हो लखदातार की,  हारे के सहारे बाबा श्याम हमारा की जय
  • अब आखरी में  भोग प्रसाद में से  थोड़ा सा हिस्सा  गाय के लिए निकाल लेंगे  अब इसके बाद  बाबा श्याम का स्मरण करते हुए हम  इस  प्रसाद को ग्रहण करेंगे

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श्याम बाबा को कौन सा प्रसाद चढ़ाएं – श्याम बाबा की पूजा कैसे करनी चाहिए

श्याम बाबा की पूजा कैसे करनी चाहिए

  • भगवान खाटू श्याम को  सबसे पहले व सबसे ज्यादा कच्चा दूध प्रसाद के रूप में  चढ़ाया जाता है  क्योंकि  कच्चा दूध श्याम बाबा को बेहद ही प्रिय है  इसलिए श्याम बाबा को सबसे पहले  प्रसाद के रूप में कच्चा दूध चढ़ाया जाता है
  •  कच्चे दूध के बाद  श्याम बाबा को  खीर और चूरमे का भोग  बेहद प्रिय है लेकिन एक बात का ध्यान रखें  आप खीर और चूरमा दुकान से खरीदने की बजाय  घर पर ही बनाएं
  • भगवान खाटू श्याम को  खोए या मावे  की बनी मिठाइयां भी चढ़ा सकते हैं  और यह मिठाई भी भगवान खाटू श्याम को  पसंद है  अधिकतर खाटू श्याम मंदिरों में खोए के पेड़े ही चढ़ाए जाते हैं
  • इसके अलावा बाबा श्याम को पंचमेवे का भी भोग लगाया जाता है  जिसमें,  काजू,  बादाम,  छुहारा, किशमिश, मिश्री आदि सम्मिलित है

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श्री खाटू श्याम जी की आरती | Shri Khatu Shyam Aarti

श्याम बाबा की पूजा कैसे करनी चाहिए, खाटू श्याम जी की आरती

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे ॥ ॐ जय श्री श्याम …

जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे ।
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे ॥ ॐ जय श्री श्याम …

श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे ।
कहत भक्तजन, मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय श्री श्याम …

मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे ।
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे ॥ ॐ जय श्री श्याम …

झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे ॥ ॐ जय श्री श्याम …

रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे ।
तन केसरिया बागो, कुंडल श्रवण पड़े ॥ ॐ जय श्री श्याम …

गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे ।
खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले ॥ ॐ जय श्री श्याम …

जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे ।
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे ॥ ॐ जय श्री श्याम …

॥ इति श्री खाटू श्याम आरती संपूर्णम् ॥

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कलियुग में खाटू श्याम के पूजे जाने के 10 महत्वपूर्ण कारण ।  Khatu Shyam Worship 

  • खाटू श्याम का  अर्थ है ‘मां सैव्यम पराजित:’ इसका मतलब  जो हारे और निराश लोगों को  शक्ति और बल  प्रदान करता हो
  • खाटू श्याम को भगवान श्री कृष्ण का  कलयुग के अवतार माना जाता है  और इनका जन्म उत्सव कार्तिक शुक्ल में  देवउठनी एकादशी के दिन मनाया  जाता है
  •  हिंदू पंचांग के अनुसार  फाल्गुन माह के शुक्ल  षष्टि से लेकर बारस  तक  खाटू श्याम मंदिर  परिसर में  भव्य मेला का  आयोजन होता है  जिसे ग्यारस मेले के नाम से भी जाना जाता है
  •  पुरानी  मान्यताओं के अनुसार खाटू श्याम महाशक्तिशाली भीम के पुत्र घटोत्कच के पुत्र हैं  जिनका पहले नाम  बर्बरीक था  उन्हें श्याम की उपाधि भगवान श्री कृष्ण से मिली थी
  •  अभी  कल युग चल रहा है  और  भगवान श्रीकृष्ण से  बर्बरीक को यह वरदान प्राप्त था कि वह कलयुग में  उनकी पूजा होगी
  • महाभारत के युद्ध  शुरुआत होने से पहले ही  बर्बरीक ने अपना  सिर भगवान श्री कृष्ण को  महाभारत भूमि पूजन के लिए दे दिया  जिससे वह प्रसन्न हुए  और उन्हें  कलयुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया
  •  बाबा श्याम  खाटू धाम में स्थित कुंड में प्रकट हुए थे और श्रीकृष्ण शालिग्राम के रूप में  मंदिर में दर्शन देते हैं
  • भगवान खाटू श्याम को  उनके भक्त  उन्हें अलग-अलग नामों से पुकारते हैं  पर इन सभी नामों के पीछे  कोई ना कोई वजह है  उन्हें  शीश का दानी  उन्हें इसलिए कहा जाता है  क्योंकि उन्होंने अपना शीश भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित कर दिया था
  • भगवान खाटू श्याम को  संसार का  सबसे बड़ा धनुर्धर  माना जाता है
  • भगवान शाम को  हारे का सहारा इसलिए बोला जाता है  क्योंकि हारे हुए पक्ष का साथ देने के लिए  तैयार थे

श्याम बाबा की पूजा कैसे करनी चाहिए – और भी पढ़े खाटू श्याम के बारे मे

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