Maa Kushmanda Shayari: मां कुष्मांडा हिंदू देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक हैं। नवरात्रि उत्सव के दौरान उनकी पूजा की जाती है, जिसे भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में मनाया जाता है। देवी का यह रूप ब्रह्मांड के निर्माण से जुड़ा हुआ है और माना जाता है कि यह अपने भक्तों को ऊर्जा और जीवन शक्ति प्रदान करती है।
कविता की दुनिया में, माँ कुष्मांडा कई शायरियों का विषय रही हैं, जो भारतीय उपमहाद्वीप में उत्पन्न कविता का एक रूप है। इन शायरियों का उपयोग अक्सर देवी के प्रति भक्ति और प्रेम व्यक्त करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए किया जाता है।
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मां कुष्मांडा तेरी ज्योति से जग में उजाला है,
तेरी शक्ति से जगत में सभी सुख पाला है।
तू ही है जीवन का आधार, तू ही है मोक्ष की प्राप्ति का द्वार,
मां, तेरी कृपा से सब कुछ है सार।
हे माँ तुमसे विश्वास ना उठने देना
तेरी दुनिया में भय से जब सिमट जाऊं
चारो ओर अँधेरा ही अँधेरा घना पाऊं
बन के रोशनी तुम राह दिखा देना
देवी के कदम आपके घर में आये
आप खुश्नाली से नहाये
परेशानिया आपसे आँखें चुराए
नवरात्रि की आपको शुभकामनायें
माता तेरे चरणों मे
भेंट हम चढ़ाते हैं
कभी नारियल तो
कभी फूल चढ़ाते हैं
और झोलियाँ भर भर के
तेरे दर से लाते हैं
हे माँ तुमसे विश्वास ना उठने देना
तेरी दुनिया में भय से जब सिमट जाऊं
चारो ओर अँधेरा ही अँधेरा घना पाऊं
बन के रोशनी तुम राह दिखा देना
जगत पालन हार है माँ
मुक्ति का धाम है माँ
हमारी भक्ति का आधार है माँ
हम सब की रक्षा की अवतार है माँ
लाल रंग की चुनरी से सजा माँ का दरबार
हर्षित हुआ मन, पुलकित हुआ संसार
नन्हें-नन्हें क़दमों से माँ आए आपके द्वार
इस नवरात्रिि यही हैं हमारी दुआ
प्यार का तराना उपहार हो
खुशियों का नज़राना बेशुमार हो
न रहे कोई गम का एहसास
ऐसा नवरात्र उत्सव इस साल हो
हो जाओ तैयार मां अंबे आने वाली है
सजा लो दरबार मां अंबे आने वाली हैं
तन मन और जीवन हो जाएगा पावन
मां के कदमों की आहट से गूंज उठेगा आंगन
चाँद को चाँदनी, बसंत को बहार
फूलों को खुशबू, अपनों का प्यार
मुबारक हो आपको नवरात्रि का त्यौहार
सदा खुश रहे आप और आपका परिवार
भ्रामराचारिणी है माता तेरा दूजा रोप
है रूप है देखो छटा निराली और मनभावन
नाम तेरा जप कर काम हम अगरबत्ती और धुप
देति आपन भक्तन को तप, सदाचार और स्याम
माँ कुष्मांडा हिंदू पौराणिक कथाओं में एक शक्तिशाली और पूजनीय देवी हैं। उनके भक्त अक्सर कविता और शायरी के माध्यम से उनके प्रति अपनी भक्ति और प्रेम व्यक्त करते हैं। ये शायरियां उनकी दिव्य ऊर्जा के सार और किसी के जीवन में उनके आशीर्वाद के महत्व को दर्शाती हैं। वे माँ कुष्मांडा की सुंदरता और शक्ति और उनके भक्तों के जीवन पर उनके गहरे प्रभाव की याद दिलाते हैं।