Maa Chandraghanta Shayari: मां चंद्रघंटा हिंदू देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक हैं, जिनकी पूजा नवरात्रि के शुभ त्योहार के दौरान की जाती है। उन्हें बहादुरी और साहस का प्रतीक माना जाता है, और उन्हें एक शेर की सवारी करते हुए, अपनी कई भुजाओं में हथियार पकड़े हुए, और उनके माथे पर एक अर्ध-चाँद के आकार की घंटी के साथ चित्रित किया गया है।
माँ चंद्रघंटा कविता और साहित्य से भी जुड़ी हुई हैं, और उन्होंने कई कवियों और लेखकों को उनके सम्मान में सुंदर शायरी लिखने के लिए प्रेरित किया है। ये शायरियां देवी के प्रति भक्ति, प्रेम और प्रशंसा व्यक्त करती हैं, और अक्सर नवरात्रि समारोह के दौरान इनका पाठ किया जाता है।
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मां चंद्रघंटा की Shayari :
माला से मोती तुम तोड़ा ना करो
धर्म से मुँह तुम मोड़ा ना करो
बहुत कीमती हैं जय माता का नाम
माता रानी की जय बोलना कभी छोड़ा ना करो
क्या पापी, क्या घमंडी
माँ के दर पर सभी शीश झुकाते हैं
मिलता है चैन तेरे दर पे मैया
झोली भरके सभी जाते हैं
जिंदगी की हर तमन्ना हो पूरी
आपकी कोई आरजू रहे न अधूरी
करते है हाथ जोड़कर माँ दुर्गा की विनती
आपकी हर मनोकामना हो पूरी
माँ की आराधना का ये पर्व हैं
माँ के नौ रूपों की भक्ति का पर्व हैं
बिगड़े काम बनाने का पर्व हैं
भक्ति का दिया दिल में जलाने का पर्व हैं
सारा जहाँ है जिसकी शरण में
नमन है उस माता के चरण में
बने उस माता के चरणो की धूल
आओ मिल कर चढ़ाये श्रद्धा के फूल
हमको था इंतजार वो घड़ी आ गई
होकर सिंह पर सवार माता रानी आ गई
होगी अब मन की हर मुराद पूरी
भरने सारे दुःख माता अपने द्वार आ गई
माता रानी वरदान ना देना हमें
बस थोडा सा प्यार देना हमें
तेरे चरणों में बीते ये जीवन सारा
एक बस यही आशीर्वाद देना हमें
सजा हे दरबार
एक ज्योति जगमगाई है
सुना हे नवरात्रिि का त्योहार आया हैं
वो देखो मंदिर में मेरी माता मुस्करायी है
लाल रंग की चुनरी से सजा माँ का दरबार
हर्षित हुआ मैं पुलकित हुआ संसार
गरबे की मस्ती खुशियों का भंडार
मुबारक हो आपको नवरात्री का त्यौहार
हो जाओ तैयार, माँ अम्बे आने वाली हैं
सजा लो दरबार माँ अम्बे आने वाली हैं
तन, मन और जीवन हो जायेगा पावन
माँ के कदमो की आहट से, गूँज उठेगा आँगन
“चंद्रघंटा की ज्योति से नूर मिलता है, सबके दिलों को सुख और शांति मिलता है। जय मां चंद्रघंटा!”
“मां चंद्रघंटा की आरती उतारे, मन के अंधे को दूर भागारे। जय मां चंद्रघंटा!”
अन्याय से लड़ने का साहस
देने वाली मां चंद्रघंटा
तुमको नमन है
तुम मुझे शक्ति दो रूप दो और
हमारे शत्रुओं का नाश करो।
अर्धचंद्र मस्तक पर साजे स्वर्ण रूपसिंह पर विराजे
ध्यान तुम्हारा मन हर्षावे मां चंद्रघंटा कृपा बरसावे।
जब कोई भक्त सच्चे हृदय से
मां के दरबार में अपनी हाजिरी लगाता है
उसके बिगड़े काम ही तुरंत बन जाते हैं
मां चंद्रघंटा भक्तवत्सल हैं
यह भक्तों के कल्याण के लिए
सदैव तत्पर रहती हैं
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।
अर्धचंद्र सिरमोर है अस्त्र सजी दस हस्त
होती सिंह सवार जब दानव होते पस्त।
अगर तुम्हें माता रानी से कुछ पाना है
तो अपने हृदय को साफ करो
कलुषित विचार मन से दूर करो
तुम्हारी मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी।
इंसान जिस लक्ष्य की ओर सच्ची इमानदारी के साथ बढ़ता है
वह उसको आस्था और विश्वास की शक्ति से प्राप्त कर लेता है।
जब आपके पास कोई विकल्प ना हो
जीवन में कोई मार्ग नहीं दिख रहा हो
तो माता रानी के दरबार अवश्य आएं
माता अपने भक्तों का मार्ग दर्शन अवश्य करती है।
निर्भीकता और साहस प्रदान करने वाली देवी
मां चंद्रघंटा आप हमें सदैव ऊर्जावान रखें
हमारे घर परिवार को हर कष्ट से बचाएं।
माँ चंद्रघंटा देवी दुर्गा का एक शक्तिशाली और दिव्य रूप हैं, और उन्होंने कई खूबसूरत शायरियों को प्रेरित किया है जो उनके प्रति भक्ति और प्रेम व्यक्त करती हैं। नवरात्रि के दौरान इन शायरियों का पाठ करने से देवी के साथ आध्यात्मिक संबंध गहरा हो सकता है और उनके जीवन में शांति और खुशी आ सकती है। जय माँ चंद्रघंटा!
FAQs-
Q. मां चंद्रघंटा कौन हैं?
Q. शायरी क्या है?
Q. मां चंद्रघंटा शायरी का क्या महत्व है?
Q. क्या माँ चंद्रघंटा शायरी का पाठ नवरात्रि के बाहर किया जा सकता है?
Q. क्या कोई मां चंद्रघंटा शायरी पढ़ सकता है?