देवी स्त्री की पूजा (Maa Chandra Ghanta Pooja) को समर्पित नौ दिवसीय हिंदू त्योहार नवरात्रि पूरे भारत और दुनिया के कई हिस्सों में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि का प्रत्येक दिन देवी के एक विशेष रूप से जुड़ा हुआ है और इसका अपना महत्व है। नवरात्रि का तीसरा दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा को समर्पित है। इस दिन, भक्त पूजा करते हैं और देवी के आशीर्वाद और सुरक्षा का आह्वान करने के लिए मंत्र पढ़ते हैं।
माँ चंद्रघंटा को दस भुजाओं वाली देवी तथा युद्ध मुद्रा के रूप में दर्शाया गया है, जो एक बाघ की सवारी करती हैं और हाथों में विभिन्न हथियार रखती हैं।
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Maa Chandra Ghanta Pooja | मां चंद्रघंटा की आरती | पूजा विधि | मंत्र |
मां चंद्रघंटा की पूजा विधि:
मां चंद्रघंटा की पूजा करने के लिए, आपको फूल, फल, मिठाई और धूप जैसे प्रसाद के साथ देवी की तस्वीर या मूर्ति की आवश्यकता होगी। आप पूजा के दौरान बजाने के लिए पास में घंटी भी रख सकते हैं।
पूजा की शुरुआत स्वयं और पूजा स्थल को जल से शुद्ध करके निम्न मंत्र का जाप करें:
“ॐ अपवित्रः पवित्रो व सर्व वतन गतोपि व
यह स्मारत पुंडरीकाक्षम सा बाह्य अभ्यंतरः शुचिः”
यह मंत्र एक शुद्धि मंत्र है जिसे आमतौर पर किसी भी पूजा या अनुष्ठान को शुरू करने से पहले पढ़ा जाता है। यह भगवान विष्णु के आशीर्वाद का आह्वान करता है और मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है।
इसके बाद मां चंद्रघंटा को फूल और धूप अर्पित करें और दीपक या दीया जलाएं। इसके बाद निम्न मंत्र का जाप करें:
“या देवी सर्व भूतेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः”
मां चंद्रघंटा की कृपा पाने के लिए यह मंत्र मुख्य मंत्र है। यह देवी को उनके उग्र और सुरक्षात्मक रूप में नमस्कार करता है और सफलता, समृद्धि और खुशी के लिए उनका आशीर्वाद मांगता है।
मंत्र जाप के बाद देवी को मिठाई और फल चढ़ाएं और अपने चारों ओर सुरक्षा कवच बनाने के लिए घंटी बजाएं। अंत में, मां चंद्रघंटा को अपनी कृतज्ञता अर्पित करते हुए और अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हुए पूजा का समापन करें।
मां चंद्रघंटा की आरती:
पूजा के अलावा, भक्त मां चंद्रघंटा के प्रति अपनी भक्ति और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए आरती भी करते हैं। आरती स्तुति और धन्यवाद का एक भजन है जिसे देवी को दीपक या दीया चढ़ाते समय गाया जाता है।
मां चंद्रघण्टा की आरती / Maa Chandraghanta Ki Aarti
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
चंद्र समान तुम शीतल दाती।चंद्र तेज किरणों में समाती।
क्रोध को शांत करने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली।
मन की मालक मन भाती हो।
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।
सुंदर भाव को लाने वाली।
हर संकट मे बचाने वाली।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।
सन्मुख घी की ज्योति जलाएं।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगदाता।
कांचीपुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा।
नाम तेरा रटूं महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी।
यह आरती मां चंद्रघंटा को प्रणाम करती है और शांति, समृद्धि और सुरक्षा के लिए उनका आशीर्वाद मांगती है। यह एक सुंदर और मधुर भजन है जो हृदय को दिव्य माँ के लिए भक्ति और प्रेम से भर देता है।
मां चंद्रघण्टा की प्रार्थना:
पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
मां चंद्रघण्टा का मंत्र / Maa Chandraghanta Mantra:
ओम देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥
आह्लादकरिनी चन्द्रभूषणा हस्ते पद्मधारिणी।
घण्टा शूल हलानी देवी दुष्ट भाव विनाशिनी।।
मां चंद्रघण्टा का स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मां चन्द्रघण्टा बीज मंत्र:
ऐं श्रीं शक्तयै नम:।