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Holika Dahan 2025 Muhurat: होलिका दहन पूजा विधि, मंत्र और सही नियम

Holika Dahan 2025 Muhurat: होलिका दहन हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है जो प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह होली उत्सव की पूर्व संध्या पर मनाया जाने वाला एक पावन पर्व है और इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। Holika Dahan 2025 में 13 मार्च को मनाया जाएगा और इसका शुभ मुहूर्त रात्रि 11:28 बजे से लेकर मध्य रात्रि 12:15 बजे तक रहेगा।

होलिका दहन की कथा भक्त प्रह्लाद और उनके पिता हिरण्यकश्यप से जुड़ी है। हिरण्यकश्यप अपने पुत्र प्रह्लाद की भगवान विष्णु के प्रति भक्ति से नाराज था और उसे मारने के कई प्रयास किए। एक बार उसने अपनी बहन होलिका को, जिसे अग्नि में न जलने का वरदान प्राप्त था, प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठने के लिए कहा। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से होलिका जल गई और प्रह्लाद बच गया, जो सत्य और भक्ति की शक्ति का प्रतीक है।

होलिका दहन व पूजन का क्या है सही तरीका, होलिका दहन पूजा विधि, सामग्री, मंत्र और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी इस ब्लॉग में विस्तार से दी गई है। आइए जानें होलिका दहन पूजा के सही नियम और मंत्र।

Holika Dahan 2025 Muhurat | होलिका दहन 2025 मुहूर्त

होलिका दहन के लिए मिलेगा बस इतना समय, नोट कर लें मुहूर्त और घर पर होलिका दहन की विधि। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 11:28 बजे से लेकर मध्य रात्रि 12:15 बजे तक रहने वाला है। होलिका दहन सूर्यास्त के बाद प्रदोष के समय, जब पूर्णिमा तिथि व्याप्त हो, करना शुभ माना जाता है।

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन पूर्णिमा तिथि के दौरान ही करना चाहिए और इसके लिए प्रदोष काल का समय सबसे उत्तम माना जाता है। यदि पूर्णिमा तिथि प्रदोष काल के दौरान समाप्त हो रही है, तो होलिका दहन तिथि समाप्त होने से पहले ही कर लेना चाहिए।

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Holika Dahan Puja: ये हैं होलिका दहन के नियम | होलिका दहन पूजा के नियम

होलिका दहन पूजा के सही नियमों का पालन करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यहां होलिका दहन पूजा के प्रमुख नियम दिए गए हैं:

  1. स्थान का चयन: होलिका दहन के लिए ऐसे स्थान का चयन करें जो खुला हो और जहां आग लगाने से किसी प्रकार का खतरा न हो।
  2. शुद्धिकरण: सबसे पहले, जहाँ आप पूजा करने जा रहे हैं, उस स्थान पर जल छिड़ककर उसे शुद्ध करें।
  3. दिशा: पूजा करते समय, व्यक्ति को होलिका के पास पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।
  4. होलिका निर्माण: होलिका की रचना लकड़ी, गोबर के उपले और पुराने वृक्षों की टहनियों से करनी चाहिए। कई स्थानों पर होलिका के बीच में एक खंभा गाड़ा जाता है जिसे चोटी कहते हैं।
  5. समय: होलिका दहन सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में करना चाहिए।
  6. मंत्रोच्चारण: होलिका दहन के समय मंत्रोच्चारण अवश्य करें। “ॐ होलिकायै नमः”, “ॐ नृसिंहाय नमः” और “ॐ प्रह्लादाय नमः” मंत्रों का जाप करें।
  7. परिक्रमा: होलिका की अग्नि के चारों ओर मंत्रोच्चारण करते हुए कम से कम सात बार परिक्रमा करें।
  8. प्रसाद: रात में गुड़ के बने पकवान प्रसाद गणेश जी को भेंट कर खाने चाहिए।

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होलिका दहन पूजा विधि | Holika Dahan Puja Vidhi

होलिका दहन पूजा विधि का विस्तृत वर्णन इस प्रकार है:

  1. स्थान को शुद्ध करें: सबसे पहले, जहाँ आप पूजा करने जा रहे हैं, उस स्थान पर जल छिड़ककर उसे शुद्ध करें।
  2. पूजा करने वाले का आसन: पूजा करते समय, व्यक्ति को होलिका के पास पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।
  3. कलश स्थापना: पूजा के लिए एक कलश की स्थापना करें जिसमें जल, सुपारी, फूल और सिक्के रखें। कलश पर नारियल रखें और एक लाल वस्त्र से ढकें।
  4. देवताओं का आवाहन: गणेश जी, नरसिंह भगवान और भक्त प्रह्लाद का आवाहन करें।
  5. मंत्र जाप: “ॐ होलिकायै नमः”, “ॐ नृसिंहाय नमः” और “ॐ प्रह्लादाय नमः” मंत्रों का जाप करें।
  6. सामग्री अर्पित करें: होलिका में जल, अक्षत, रोली, गंध, पुष्प, गुड़, खिल, बताशे, नारियल, गुलाल, कच्चा सूत और अन्य सामग्री अर्पित करें।
  7. परिक्रमा: मंत्रोच्चारण करते हुए कम से कम सात बार होलिका की परिक्रमा करें।
  8. अर्घ्य: पूजन के बाद, जल से अर्घ्य दें।
  9. होलिका दहन: पूजा संपन्न होने के बाद, होलिका में आग लगाएं।
  10. भस्म संग्रह: होलिका दहन के बाद, पवित्र भस्म को घर में रखें। इसे लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से धन संबंधित परेशानियां दूर होती हैं।

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होलिका दहन पूजा सामग्री | Holika Dahan Puja Samagri

होलिका दहन पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

  1. जल: पूजा स्थल को शुद्ध करने और अर्घ्य देने के लिए।
  2. अक्षत (चावल): देवताओं को अर्पित करने के लिए।
  3. रोली और गंध: होलिका की पूजा के लिए।
  4. पुष्प (फूल): देवताओं को अर्पित करने के लिए।
  5. गुड़, खिल और बताशे: प्रसाद के रूप में।
  6. नारियल: होलिका को अर्पित करने के लिए।
  7. गुलाल: होलिका में डालने के लिए।
  8. कच्चा सूत: होलिका को बांधने के लिए।
  9. गेहूं, चने की बालियां और जौ: होलिका में अर्पित करने के लिए।
  10. गोबर के उपले: होलिका बनाने के लिए।
  11. दीपक: घर के मुख्य द्वार पर जलाने के लिए।
  12. कच्चे आम: होलिका में अर्पित करने के लिए।
  13. सप्तधान्य (सात प्रकार के अनाज): होलिका में अर्पित करने के लिए।
  14. चीनी के बने खिलौने: बच्चों के लिए।
  15. नई फसल का कुछ भाग: होलिका में अर्पित करने के लिए।

होलिका दहन मंत्र | Holika Dahan Mantras

होलिका दहन के समय निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना चाहिए:

  1. होलिका की पूजा के लिए मंत्र: “ॐ होलिकायै नमः”
  2. नरसिंह भगवान के लिए मंत्र: “ॐ नृसिंहाय नमः”
  3. भक्त प्रह्लाद के लिए मंत्र: “ॐ प्रह्लादाय नमः”
  4. होलिका दहन के बाद मंत्र: “अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः। अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्”
  5. होलिका की भस्म के लिए मंत्र: “वंदितासि सुरेन्द्रेण ब्रह्मणा शंकरेण च”
  6. शत्रु बाधा से मुक्ति के लिए मंत्र: “ॐ ह्रीं ह्रीं क्लिंम”

इन मंत्रों का जाप करते हुए होलिका की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

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होलिका दहन के फायदे | Benefits of Holika Dahan

होलिका दहन के अनेक धार्मिक और वैज्ञानिक फायदे हैं:

  1. आध्यात्मिक लाभ: होलिका दहन से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  2. स्वास्थ्य लाभ: अग्नि की गर्मी से वातावरण में मौजूद कीटाणु और बैक्टीरिया नष्ट होते हैं, जिससे संक्रामक रोगों से बचाव होता है।
  3. मानसिक शांति: होलिका दहन से मन में शांति और सुकून का भाव आता है।
  4. समृद्धि: होलिका दहन की भस्म को घर में रखने से धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं और समृद्धि आती है।
  5. बुराई का नाश: होलिका दहन बुराई के नाश और अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जो हमारे जीवन से नकारात्मकता को दूर करने का संदेश देता है।

होलिका दहन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें | Important Things About Holika Dahan

होलिका दहन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें निम्नलिखित हैं:

  1. होलिका दहन का समय: होलिका दहन सूर्यास्त के बाद प्रदोष के समय, जब पूर्णिमा तिथि व्याप्त हो, करना शुभ माना जाता है।
  2. होलिका में अर्पित सामग्री: होलिका दहन की अग्नि में गेहूं, चने की बालियां, जौ, गोबर के उपले, गुलाल और जल चढ़ाएं।
  3. होलिका की राख: होलिका दहन के बाद, इसकी राख को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से धन संबंधित परेशानियां दूर होती हैं।
  4. दीपक जलाना: होलिका दहन के दिन घर के मुख्य द्वार के पास एक दीपक जलाना चाहिए।
  5. बाल काटना: कई क्षेत्रों में होलिका दहन के दिन बच्चों के बाल काटने की परंपरा है। इससे बच्चों की रक्षा होती है और उन्हें दीर्घायु प्राप्त होती है।
  6. नए वस्त्र: होलिका दहन के दिन नए वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
  7. दान-पुण्य: होलिका दहन के दिन दान-पुण्य करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

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Conclusion: Holika Dahan 2025 Muhurat

होलिका दहन हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। Holika Dahan 2025 में 13 मार्च को मनाया जाएगा और इसका शुभ मुहूर्त रात्रि 11:28 बजे से लेकर मध्य रात्रि 12:15 बजे तक रहेगा। होलिका दहन पूजा विधि, मंत्र और सही नियमों का पालन करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

होलिका दहन व पूजन का सही तरीका, होलिका दहन पूजा के सही नियम और मंत्र जानकर इस पावन पर्व को मनाने से हमें आध्यात्मिक और धार्मिक लाभ मिलता है। होलिका दहन के समय “ॐ होलिकायै नमः”, “ॐ नृसिंहाय नमः” और “ॐ प्रह्लादाय नमः” मंत्रों का जाप करें और होलिका की सात परिक्रमा करें।

होलिका दहन से जुड़ी सभी जानकारी और मान्यताओं का पालन करके, हम इस पावन पर्व को पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मना सकते हैं। आशा है कि यह ब्लॉग आपको होलिका दहन 2025 के लिए उपयोगी जानकारी प्रदान करेगा और आप इस पावन पर्व को विधि-विधान से मनाकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।

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होलिका दहन से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs about Holika Dahan)

1. होलिका दहन 2025 में कब है?

होलिका दहन 2025 में 13 मार्च को मनाया जाएगा। इसका शुभ मुहूर्त रात्रि 11:28 बजे से लेकर मध्य रात्रि 12:15 बजे तक रहेगा।

2. होलिका दहन क्यों मनाया जाता है?

होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह भक्त प्रह्लाद की कहानी से जुड़ा है, जहाँ प्रह्लाद की भक्ति की शक्ति के कारण होलिका अग्नि में जल गई और प्रह्लाद बच गया।

3. होलिका दहन के लिए सबसे शुभ समय कौन सा है?

होलिका दहन सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में करना शुभ माना जाता है, जब पूर्णिमा तिथि व्याप्त हो। 2025 में यह समय रात्रि 11:28 बजे से लेकर मध्य रात्रि 12:15 बजे तक रहेगा।

4. होलिका दहन के समय कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?

होलिका दहन के समय “ॐ होलिकायै नमः”, “ॐ नृसिंहाय नमः” और “ॐ प्रह्लादाय नमः” मंत्रों का जाप करना चाहिए।

5. होलिका दहन की परिक्रमा कितनी बार करनी चाहिए?

होलिका की अग्नि के चारों ओर मंत्रोच्चारण करते हुए कम से कम सात बार परिक्रमा करनी चाहिए।

6. होलिका दहन के लिए क्या-क्या सामग्री चाहिए?

होलिका दहन के लिए जल, अक्षत, रोली, गंध, पुष्प, गुड़, खिल, बताशे, नारियल, गुलाल, कच्चा सूत, गेहूं, चने की बालियां, जौ, गोबर के उपले, दीपक और कच्चे आम आदि की आवश्यकता होती है।

7. क्या होलिका दहन भस्म का कोई महत्व है?

हां, होलिका दहन के बाद इसकी भस्म को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से धन संबंधित परेशानियां दूर होती हैं और घर में समृद्धि आती है।

8. क्या होलिका दहन के दिन कोई विशेष भोजन करना चाहिए?

होलिका दहन के दिन रात में गुड़ के बने पकवान प्रसाद के रूप में गणेश जी को भेंट कर खाने चाहिए।

9. क्या घर पर भी होलिका दहन किया जा सकता है?

हां, घर पर भी छोटे स्तर पर होलिका दहन का आयोजन किया जा सकता है। इसके लिए आप छोटी होलिका बना सकते हैं और विधि-विधान से पूजा कर सकते हैं।

10. होलिका दहन के समय किस दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए?

होलिका दहन पूजा करते समय, व्यक्ति को होलिका के पास पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।

11. होलिका दहन के बाद क्या करना चाहिए?

होलिका दहन के बाद, इसकी पवित्र भस्म को संग्रहित करना चाहिए और घर में रखना चाहिए। साथ ही, इस रात गुड़ के बने पकवान खाने चाहिए।

12. होलिका दहन और होली में क्या अंतर है?

होलिका दहन होली से एक दिन पहले मनाया जाता है, जिसमें बुराई के प्रतीक होलिका का दहन किया जाता है। जबकि होली अगले दिन रंगों का त्योहार के रूप में मनाई जाती है, जिसमें लोग एक-दूसरे पर रंग लगाकर खुशियां मनाते हैं।

13. क्या होलिका दहन के दिन व्रत रखना चाहिए?

ऐसा कोई विशेष नियम नहीं है, लेकिन कई लोग होलिका दहन के दिन सात्विक भोजन करना पसंद करते हैं। कुछ लोग दिन में हल्का व्रत भी रखते हैं और रात में होलिका दहन के बाद प्रसाद ग्रहण करते हैं।

14. क्या होलिका दहन के समय बच्चों को साथ ले जाना चाहिए?

बच्चों को होलिका दहन में शामिल करना शुभ माना जाता है, लेकिन उनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बड़ी आग से सुरक्षित दूरी बनाए रखें और बच्चों को हमेशा वयस्कों की निगरानी में रखें।

15. होलिका दहन के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

होलिका दहन के दौरान अग्नि से सुरक्षित दूरी बनाए रखें, ज्वलनशील पदार्थों से दूर रहें, और आग लगाने से पहले सुनिश्चित करें कि आस-पास कोई खतरा न हो। साथ ही, पर्यावरण का ध्यान रखते हुए अधिक प्रदूषण न फैलाएं।

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