Sakdamba Mata Shayari : स्कंदमाता देवी मां दुर्गा का पांचवां रूप हैं। नवरात्रि के पांचवें दिन उनकी पूजा की जाती है और उन्हें देवी के सबसे शक्तिशाली रूपों में से एक माना जाता है। वह स्कंद या कार्तिकेय की माता हैं, जो देवताओं की सेना के सेनापति हैं। स्कंदमाता को चार भुजाओं और उनके चेहरे पर एक शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति के साथ चित्रित किया गया है। वह अपने पुत्र स्कंद के साथ कमल पर विराजमान हैं। उनके ऊपरी दाहिने हाथ में कमल का फूल है, नीचे के दाहिने हाथ में आशीर्वाद है, ऊपर के बाएं हाथ में घंटी है और निचले बाएं हाथ में कमल का फूल है।
स्कंदमाता शायरी कविता का एक रूप है जो स्कंदमाता के प्रति भक्ति और श्रद्धा व्यक्त करता है। यह दिव्य मां के लिए अपने प्यार और प्रशंसा को व्यक्त करने का एक सुंदर तरीका है। यहाँ कुछ स्कंदमाता शायरियाँ हैं जो आपको देवी से जुड़ने और उनकी दिव्य उपस्थिति को महसूस करने में मदद करेंगी।
नवरात्रि के आगमन की तैयारी
राम-सीता के मिलन की तैयारी
असत्य पर सत्य की जीत की तैयारी
सबको आज इस पवित्र त्यौहार की बधाई
“माँ” की “आराधना” का ये “पर्व” है
माँ की “9 रूपों की भक्ति” का ये पर्व है
बिगड़े काम बनाने_का ये पर्व है
“भक्ति” का “दिया_दिल_में_जलाने” का पर्व है
सजा हे दरबार, एक ज्योति जगमगाई है
सुना हे नवरात्रि का त्योहार आया हैं
वो देखो मंदिर में मेरी माता मुस्करायी है
जय माँ दुर्गा
लक्ष्मी जी का हाँथ हो
सरस्वती जी का साथ हो
गणेश जी का निवास हो
औए माँ दुर्गा का आशीर्वाद हो
इस नवरात्रि आपके लिए खुशियों का पैगाम हो
हमको था इंतजार वो घड़ी आ गई
होकर सिंह पर सवार माता रानी आ गई
होगी अब मन की हर मुराद पूरी
हरने सारे दुख माता अपने द्वार आ गई
देवी माँ के कदम आपके घर में आयें
ख़ुशी से नहायें
परेशानियाँ आपसे आँखें चुरायें
नवरात्री की आपको ढेरों शुभ कामनाएं
पग-पग में फूल खिले
ख़ुशी आप सबको इतनी मिले
कभी न हो दुखों का सामना
यही है इस नवरात्रिि शुभकामना
माँ की ज्योति से प्रेम मिलता है
सबके दिलों को मर्म मिलता है
जो भी जाता है माँ के द्वार
कुछ न कुछ जरूर मिलता है
नव दीप जले
नव फूल खिले
नित नई बहार मिले
नवरात्रि के इस पावन अवसर पर
आपको माता रानी का आशीर्वाद खूब मिले
समाज का असली चेहरा दिखायेगी
वेदना से वन्दना बन जायेगी
हवस फेंक देती है सड़कों में निगलकर
वो कन्या फिर ‘नवरात्र’ में पूजी जायेगी
देवी माँ के कदम आपके घर
में आयें, आप ख़ुशी से नहायें,
परेशानियाँ आपसे आँखें चुरायें,
नवरात्री की आपको ढेरों शुभ कामनाएं।
शुभ नवरात्री।
या देवी सर्वभूतेषु
शक्तिरूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नम:
“माँ स्कंदमाता की जय हो, उनकी कृपा से सब कुछ मिलता है, उनकी दया से सबके दुख दूर होते हैं, जय माँ स्कंदमाता!”
“चलो मनाएं नवरात्रि का त्योहार, भक्ति भाव से मां के दर्शन करें, स्कंदमाता के आशीर्वाद से, अपने जीवन में खुशियां भर लें!”
“जय जय स्कंदमाता, आपके चरणों में शीश झुकता, सब दुख से मुक्ति पाने को, आपकी कृपा है अनमोल भाग्य!”
“माँ स्कंदमाता का वरदान है, सबके जीवन में शांति का प्रकाश है, आपकी कृपा से सबकी मनोकामना पूरी होती है, जय माँ स्कंदमाता!”
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