Rajiv Gandhi Jayanti 2024: राजीव गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के कैसे नेता जिन्हें शायद ही आज की डेट में कोई नहीं जानता होगा शुरू से ही गांधी परिवार राजनीतिक में ही है राजीव गांधी जिनका जन्म 20 अगस्त को मुंबई महाराष्ट्र में हुआ जिसे आज पूरा भारत देश सद्भावना दिवस के नाम से भी जानता है तथा इस दिन पूरे भारतवर्ष में कांग्रेस पार्टी के नेता राजीव गांधी की मूर्ति पर माला का हार चलाते हैं और समारोह करते हैं इस समारोह में कई नेताओं दिगंत प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्य मौजूद होते हैं जहां वे वीरभूमि नामक स्थान पर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं जहां राजीव गांधी का अंतिम संस्कार किया गया था उनका नाम न सिर्फ भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण है, बल्कि उनकी प्रेरणास्त्रोत और योगदान ने देश को नये ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने न केवल राजनीति में अपनी अहमियत साबित की, बल्कि उन्होंने युवाओं को भी एक सकारात्मक दिशा में प्रेरित किया। उनकी नेतृत्व में देश को आगे बढ़ाने के लिए नई दिशाएँ मिलीं और उन्होंने गरीबी, असमानता और विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। तो आइए, हम सब मिलकर राजीव गांधी जी की जयंती के इस खास मौके पर उनके जीवन के संदेशों को जानते हैं और उनके प्रेरणास्त्रोत योगदान को सलाम करते हैं।
इस ब्लॉग में, हम राजीव गांधी जी के जीवन और कार्यक्षेत्र को गहराई से जानेंगे, उनके योगदान की महत्वपूर्ण बातें समझेंगे, राजीव गांधी जयंती : जीवन परिचय ,राजीव गांधी का योगदान,राजीव गांधी की मृत्यु, राजीव गांधी के 10 अनमोल वचन | Rajiv Gandhi Quotes, राजीव गांधी जयंती भाषण | Rajiv Gandhi Jayanti Speech,राजीव गांधी जयंती निबंध | Rajiv Gandhi Jayanti Nibandh और उनके विचारों की अद्भुतता को समझने का प्रयास करेंगे। राजीव गांधी जयंती के इस खास मौके पर, हम उनके जीवन और संघर्षों का सम्मान करते हैं तो आइए इस लेख में हम राजीव गांधी जी के बारे में गहराई से जानते हैं – राजीव गांधी की जयंती
राजीव गाँधी प्रारंभिक जीवन व परिवार ( Rajiv Gandhi early life and family )–
जीवन परिचय बिंदु | राजीव गाँधी जीवन परिचय |
पूरा नाम (Name) | राजीव गाँधी |
जन्म (Date of Birth) | 20 अगस्त 1944 |
जन्म स्थान (Birth Place) | बॉम्बे, महाराष्ट्र |
माता-पिता(Mother, Father) | इंदिरा गाँधी, फिरोज गाँधी |
भाई(Brother) | संजय गाँधी |
नाना-नानी (Grand Father , Mother) | जवाहरलाल नेहरु, कमला नेहरु |
पत्नी (Wife) | सोनिया गाँधी |
बच्चे (Children) | प्रियंका गाँधी, राहुल गाँधी |
मृत्यु (Death) | 21 मई, 1991 |
राजनैतिक पार्टी (Political Party) | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
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राजीव गांधी जयंती : जीवन परिचय | Rajiv Gandhi Jayanti: Jivni
Rajiv Gandhi Biography in Hindi: गांधी परिवार शुरू से ही राजनीति से जुड़ा हुआ है और गांधी परिवार से 3 लोग भारत की प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठ चुके हैं और आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन परिवारों में राजीव गांधी ने ही कांग्रेस पार्टी के लिए अपनी खास भूमिका निभाई है और राजीव गांधी प्रधानमंत्री पद संभालने वाले भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे जिन्होंने केवल अपनी 40 साल की उम्र में ही प्रधानमंत्री पद को संभाला था इनका जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था और इनके पिता का नाम फिरोज गांधी और माताजी का नाम इंदिरा गांधी है और राजीव गांधी के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि भले ही उन्होंने अपनी शिक्षा बड़े राजघराने की तरीके से करी हो लेकिन शुरू से ही वे बड़े शर्मीले और अंतर्मुखी थे और अपनी 10 साल की पढ़ाई उन्होंने बोर्डिंग स्कूल में की उनकी प्रारंभिक शिक्षा शिव निकेतन से शुरू हुई थी इसके बाद वे वेलकम बॉयज स्कूल देहरादून जाकर उन्होंने अपने आगे की पढ़ाई की सन 1962 से 1965 तक उन्होंने कैंब्रिज कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी की लेकिन उन्होंने कैंब्रिज कॉलेज को बीच में ही छोड़ दिया और इसके बाद वे सीधा इंपीरियल कॉलेज में चले गए जाओ उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की लेकिन उन्होंने इसको भी अधूरा छोड़ दिया
परिवार का राजनीतिक माहौल में जुड़े होने के बाद भी राजीव गांधी का राजनीतिक के तरफ बिल्कुल भी लगाव नहीं था और विदेश से पढ़ाई करने के बाद वे दिल्ली में पायलट के रूप में परीक्षण लिया और 1970 में इंडियन एयरलाइंस के पायलट के रूप में अपने करियर की शुरुआत की लेकिन कैंब्रिज में पढ़ाई करते वक्त राहुल गांधी ने इटली की रहने वाली एंटोनिया अल्बीना माइनों से आध्यात्मिक रिश्ता बनाया था जिसके बाद सन् 1968 में राजीव गांधी और एंटोनिया अल्बीना माइनो ने शादी कर ली और फिर एंटोनिया अल्बीना माइनो ने भारतीय नागरिकता ली जिसमें उन्होंने अपना नाम एंटोनिया अल्बीना माइनो से बदल कर सोनिया गांधी रख लिया सोनिया गांधी और राजीव गांधी के दो बच्चे हैं जिसमें एक बेटा और एक बेटी है उनके बेटे का नाम राहुल गांधी और उनकी बेटी का नाम प्रियंका गांधी है
Rajiv Gandhi Biography in Hindi: शिक्षा | Rajiv Gandhi Education
Rajiv Gandhi Education: भारत के पहले कम उम्र के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के सिम निकेतन स्कूल से की है और इसके बाद उन्होंने वेल्हम बॉयज स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा कंप्लीट की फिर इसके बाद राजीव गांधी ने कूलिंग डॉन स्कूल में दाखिला लिया
भारत में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद राजीव गांधी आगे की शिक्षा के लिए लंदन चले गए जहां उन्होंने जानी-मानी यूनिवर्सिटी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की और फिर सन 1966 में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद राजीव गांधी भारत वापस लौट आए दिल्ली में पायलट का प्रशिक्षण लेकर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत इंडियन एयरलाइंस में पायलट के रूप में की
Rajiv Gandhi की शादी : Rajiv gandhi wife name
Rajiv gandhi wife name: राजीव गांधी जब अपनी लंदन में पढ़ाई कर रहे थे तब वहां उन्होंने एंटोनिया अल्बीना माइनो से आध्यात्मिक रिश्ता बनाया और फिर उन्होंने सन 1968 में शादी की इसके बाद राजीव गांधी की पत्नी एंटोनिया माइनो (Rajiv gandhi wife name) ने अपना नाम बदल कर सोनिया गांधी रख लिया जिन्होंने समय के साथ राजनीतिक में ऊंची बुलंदियों को छुआ है राजीव गांधी और सोनिया गांधी के दो पुत्र हैं जिनमें उनके बेटे का नाम राहुल गांधी और उनकी बेटी का नाम प्रियंका गांधी है और आज यह दोनों ही कांग्रेस पार्टी के अहम पदों पर कार्यरत है-Rajiv gandhi wife name
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सक्रिय राजनीति में प्रवेश एवं भागीदारी | why do we celebrate Rajiv gandhi jayanti
rajiv gandhi jayanti: शुरू से ही राजीव गांधी का राजनीति के तरफ लगाव नहीं था लेकिन 23 जून 1980 को उनके भाई संजय गांधी की विमान दुर्घटना में अप्रत्याशित मृत्यु हो गई जिसके बाद राजीव गांधी ने कांग्रेस पार्टी के कई सदस्यों के प्रस्तावों का सम्मान करते हुए इंदिरा गांधी की मदद करने की सोच के साथ राजनीति में प्रवेश हुए उन्होंने अपने राजनीतिक सफर 16 फरवरी 1981 को शुरू किया जब वह दिल्ली में एक राष्ट्रीय किसान रैली को संबोधित कर रहे थे तब वह है एयर इंडिया के कर्मचारी भी थे 4 मई 1981 को इंदिरा गांधी ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की एक बैठक की अध्यक्षता की जहां पर वसंतदादा पाटील ने राजीव गांधी के लिए अमेठी निर्वाचन क्षेत्र का प्रस्ताव रखा जिसे वहां बैठक में बैठे सभी सदस्यों ने स्वीकार किया और एक हफ्ते बाद पार्टी के आधिकारिक तौर पर निर्वाचन क्षेत्र के लिए उनकी उम्मीदवारी का ऐलान किया जहां उन्होंने लोक दल के उम्मीदवार शरद यादव को कुल 237000 वोटों के अंतर से हरा कर अपनी जीत हासिल की और 17 अगस्त को संसद सदस्य के रूप में शपथ ली
31 अक्टूबर 1984 को प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मां इंदिरा गांधी की हत्या उनके सिख अंगरक्षक द्वारा कर दी गई जिनमें से एक का नाम सतवंत सिंह और दूसरे का नाम बेअंत सिंह था जिसके बाद सिखों के खिलाफ कई दंगे हुए लेकिन 31 अक्टूबर को राजीव गांधी पश्चिम बंगाल में थे इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री की सीट खाली हो गई और फिर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नेताओं द्वारा इंदिरा गांधी के योग्य उत्तराधिकारी के रूप में राजीव गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में नामांकित किया और सन 1984 में हुए चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सर्वोच्च बहुमत हासिल की है जहां कांग्रेस पार्टी ने 542 सीटों में से 411 सीटें जीती और 31 दिसंबर 1984 को राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रुप में शपथ ली जहां वे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने इससे पहले वे सांसद में थे और उन्होंने वहां अपने कार्यकाल के 3 साल व्यतीत किए
राजीव गांधी प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपनी भूमिका बहुत अच्छे से नहीं भाई जा उन्होंने अपनी सर्वोत्तम क्षमता के अनुसार जिम्मेदारियां भी संभाली उन्होंने सामाजिक न्याय, गरीबी उन्मूलन, महिला सशक्तिकरण, महिला शिक्षा, आदि ऐसे कई सामाजिक कार्यों पर काम किया और भारत में आधुनिकरण करने के लिए उन्होंने कई कदम उठाए और औद्योगिक उत्पाद बढ़ाने के लिए उन्होंने कॉरपोरेशन कंपनियों को सब्सिडी दी गई थी उन्होंने इस बात की उम्मीद जताई थी इसको करने से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और निवेश की गुणवत्ता में सुधार होगा
राजीव गांधी का योगदान | Rajiv Gandhi Biography in Hindi
दूरसंचार क्रांति
राजीव गांधी की सरकार ने संचार नेटवर्क में क्रांति लाने और भारत के कस्बों और गांवों में सहायक बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने दूरसंचार इंजीनियर सैम पित्रोदा को अपना सलाहकार बनाया ।पित्रोदा को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) शुरू करने का श्रेय दिया जाता है। सी-डॉट की स्थापना उनके कार्यभार संभालने से कुछ महीने पहले अगस्त 1984 में हुई थी, और उनके कार्यकाल में अत्याधुनिक दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकसित की गई। यह संस्था दूरसंचार विभाग (DoT) का एक स्वायत्त अनुसंधान एवं विकास केंद्र है और सरकार को डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी, भारत नेट, मेक इन इंडिया जैसे प्रमुख कार्यक्रमों को साकार करने में मदद करती है।
एमटीएनएल का शुभारंभ
1984 से 1989 तक उनके पांच साल के कार्यकाल के दौरान, देश ने कई चीजें पहली बार देखीं। MTNL (महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड) की स्थापना 1986 में टेलीफोन नेटवर्क फैलाने के लिए की गई थी।
दूरसंचार नेटवर्क का विकास
पीसीओ (पब्लिक कॉल ऑफिस) क्रांति ने ग्रामीण भारत की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद की। पीसीओ बूथ ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को बाहरी दुनिया से जोड़ा।
डिजिटल इंडिया की आकांक्षा
rajiv gandhi jayanti: राजीव गांधी ने भारत को डिजिटल क्रांति में लाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी और संबद्ध उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कुछ ईमानदार प्रयास किए। यह उनके कार्यकाल में था कि भारतीय रेलवे ने यात्रियों की भारी संख्या को संभालने के लिए कम्प्यूटरीकृत रेलवे टिकट पेश किए।सन 1986 में राजीव गांधी ने में अपने संबोधन में कहा था“हम औद्योगिक क्रांति के साथ एक बस चूक गए, मांसपेशियों की शक्ति में अचानक वृद्धि हुई, और हम 300 वर्षों तक इसे पकड़ने में सक्षम नहीं थे। शायद हम समय पर दूसरी बस में नहीं चढ़े – और यही इलेक्ट्रॉनिक विकास या कंप्यूटर क्रांति है – और अब हमें उस बस के पीछे दौड़ना होगा, उसे पकड़ना होगा और उस पर चढ़ना होगा। मुझे लगता है कि हम ऐसा करने में सक्षम हैं,’।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास
उन्होंने कंप्यूटर, एयरलाइंस, रक्षा और दूरसंचार पर आयात कोटा, कर और टैरिफ कम कर दिए। “भारत एक स्थिर देश नहीं है। हम प्रगति कर रहे हैंय़ हम प्रवाह की स्थिति में हैं. हमारा समाज, हमारी अर्थव्यवस्था विकसित हो रही है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी इस विकास की कुंजी होनी चाहिए, ”उन्होंने कहा।
एनपीई की सौगात
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनपीई) भारत के लोगों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की एक नीति है। इस नीति का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में प्रारंभिक स्तर से विश्वविद्यालय और कॉलेज स्तर तक शिक्षा प्रदान करना है।पहला एनपीई पहली बार 1968 में इंदिरा गांधी की सरकार द्वारा पेश किया गया था, जिसमें शैक्षिक अवसरों की समानता के साथ-साथ शिक्षा प्रणाली के ‘आमूल-चूल पुनर्गठन’ का आह्वान किया गया था। राष्ट्रीय एकता और अधिक सांस्कृतिक और आर्थिक विकास प्राप्त करने के उद्देश्यों के लिए।मई 1986 में, राजीव गांधी सरकार ने एक नया एनपीई पेश किया। इस नीति के तहत, विशेषकर महिलाओं, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के लिए असमानताओं को दूर करने और शैक्षिक अवसरों की समानता पर विशेष जोर दिया जाएगा।
- उनके बुद्धिमान नेतृत्व में, 1986 में एनपीई ने शैक्षिक अवसरों को समान बनाने के लिए असमानताओं को दूर करने पर जोर दिया। इससे भारतीय महिलाओं को शिक्षा का समान अधिकार मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
- उनके कार्यकाल के दौरान अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के छात्रों को एनपीई से अधिक लाभ मिला।
- एनपीई ने न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया बल्कि भारतीय शिक्षा प्रणाली की जर्जर स्थिति को भी उजागर किया।
- उनके गतिशील नेतृत्व में, देश भर के प्राथमिक विद्यालयों में शैक्षिक बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए ऑपरेशन ब्लैकबोर्ड को एनपीई के दूसरे चरण में शामिल किया गया था। एनपीई के दूसरे चरण में छात्रवृत्ति के विस्तार का भी आह्वान किया गया।
- एनपीई के हिस्से के रूप में, वयस्क शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उनके कार्यकाल के दौरान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) की भी स्थापना की गई थी।
- प्रधान मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उनके एजेंडे के हिस्से के रूप में महिलाओं के लिए कई शैक्षणिक संस्थान स्थापित किए गए थे।
- 1986 में, उन्होंने केंद्र सरकार-आधारित शिक्षा संस्थान, जवाहर नवोदय विद्यालय सिस्टम की स्थापना की, जो ग्रामीण आबादी को छठी से बारहवीं कक्षा तक मुफ्त आवासीय शिक्षा प्रदान करता है।
राजीव गाँधी पर लगे आरोप ( Rajiv Gandhi controversie)-
rajiv gandhi jayanti: राजीव गाँधी स्वयं भ्रष्टाचार विरोधी थे, पर इन पर बोफोर्स कांड के लिए भष्टाचारी होने के आरोप लगे. 1980 और 1990 के बीच काँग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचारी होने का आरोप लगाया गया, उस वक्त राजीव प्रधानमन्त्री थे. इस घटना में सरकार पर घुस खोरी होने का दावा किया गया. जिसका राजीव के राजनैतिक जीवन पर गहरा आघात पहुंचा और इसका असर आगामी चुनाव में दिखाई दिया. 1989 में हुए आम चुनाव में राजीव गाँधी को हार का सामना करना पड़ा. राजीव गाँधी ने दो साल तक विपक्ष में रहकर कार्य किया. इनका राजनेतिक जीवन बहुत कष्टदायक था, जिसके साथ वह अपने धेर्यवान स्वभाव के कारण ही न्याय कर पाए, इसलिए इन्हें बहुत प्यार एवम सम्मान मिला.
राजीव गांधी की मृत्यु | Rajiv Gandhi Death Anniversary | why rajiv gandhi killed
rajiv gandhi death reason hindi: 40 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के भारतीय प्रधान मंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) द्वारा हत्या कर दी गई थी। राजीव अपनी मां इंदिरा गांधी के बाद दूसरे भारतीय प्रधान मंत्री थे जिनकी उनके अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी।संयोगवश, सैन्य हस्तक्षेप के बाद इंदिरा और राजीव दोनों की हत्या कर दी गई, जिससे चरमपंथियों का एक वर्ग नाराज हो गया। जहां इंदिरा ने पंजाब में खालिस्तानी नेता भिंडरावाले के पीछे सेना भेजी और सिख चरमपंथियों को नाराज किया, वहीं राजीव ने भारतीय शांति सेना (आईपीकेएफ) के साथ श्रीलंका में हस्तक्षेप किया।1991 के चुनावों में प्रधानमंत्री के रूप में राजीव की वापसी की संभावना और उनके द्वारा आईपीकेएफ की पुनः तैनाती की संभावना ने श्रीलंका में लिट्टे को इतना परेशान कर दिया कि उसने उनकी हत्या करने का फैसला कर लिया।यहां हम बताएंगे कि राजीव गांधी की हत्या क्यों और कैसे की गई, सजा और सजा की लंबी कानूनी राह और दोषियों की सजा पर विवाद।
राजीव गांधी की हत्या क्यों की गई?राजीव गांधी की हत्या श्रीलंका में एक सशस्त्र तमिल समूह एलटीटीई द्वारा की गई थी, जो द्वीप राष्ट्र की सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ रहा था।आईपीकेएफ को श्रीलंका भेजने के बाद लिट्टे राजीव के खिलाफ हो गया। थिंक टैंक गेटवे हाउस के अनुसार, भारतीय सेना को पहले लंकाई अधिकारियों की सहायता करने के उद्देश्य से भेजा गया था, लेकिन समय के साथ उनका मिशन बदल गया, जो उग्रवाद-विरोधी और अंततः जंगलों में लिट्टे के साथ युद्ध में बदल गया।यहां तक कि 1990 में आईपीकेएफ मिशन की समाप्ति भी लिट्टे को शांत नहीं कर पाई, जो राजीव को भारत में अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता था। 1991 की इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, लिट्टे प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरन ने नवंबर 1990 में निर्णय लिया और ऑपरेशन को गति दी।
नाइन्टी डेज़: द ट्रू स्टोरी ऑफ़ द हंट फॉर राजीव गांधीज़ असैसिन्स नामक पुस्तक के लेखक अनिरुद्ध मित्रा ने लिखा, “[वीपी सिंह की] नेशनल फ्रंट सरकार के आख़िरकार गिरने से पहले ही, लिट्टे ने राजीव गांधी को रोकने का मन बना लिया था फिर से सत्ता हासिल करने से, भले ही इसके लिए अंतिम निवारक – उनकी हत्या की आवश्यकता हो।”यह महसूस करते हुए कि प्रधान मंत्री के रूप में राजीव एक लगभग असंभव लक्ष्य होगा, यह निर्णय लिया गया कि उन्हें हमला करना चाहि। महिला आत्मघाती हमलावर धानू और लिट्टे के अन्य लोगों ने हत्या के दो अभियानों को अंजाम दिया। सबसे पहले, वे दिवंगत अन्नाद्रमुक नेता जयललिता की रैली में गए। दूसरे दौर में उन्होंने वीपी सिंह की हत्या की रिहर्सल की.यह दूसरी बार था कि धनु पारंपरिक भारतीय सम्मान में सिंह के पैर छूने में कामयाब रही – ठीक उसी तरह जैसे उसने 21 मई को राजीव के साथ किया था।
21 मई को राजीव रात 10 बजे के बाद श्रीपेरंबदूर में रैली स्थल पर पहुंचे. वहाँ पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग दीर्घाएँ थीं। राजीव पहले पुरुष वर्ग में गए और फिर महिला वर्ग में गए।राजीव ने महिलाओं से संपर्क किया और अनुसूया डेज़ी नाम की एक पुलिसकर्मी को धनु को अपने पास आने से रोकने से रोका। कुछ ही क्षण बाद, धनु ने खुद को उड़ा लिया और गांधी और 14 अन्य लोगों की हत्या कर दी।धनु लिट्टे समूह के आठ “प्रमुख” सदस्यों में से एक थी जिसने राजीव की हत्या की थी।मिन्हाज़ मर्चेंट की गांधी की जीवनी राजीव गांधी, एंड ऑफ ए ड्रीम के अनुसार, “कोर” समूह के अन्य सदस्यों में शिवरासन, मुरुगन, अरिवु, शुभा और तीन स्थानीय “निर्दोष” भाग्यनाथन, नलिनी और पद्मा शामिल थे।हत्या स्थल पर दस्ते के पांच सदस्य धनु, शिवरासन, नलिनी, शुभा और हरिबाबू थे। जबकि हरिबाबू, एक फोटोग्राफर जो विस्फोट के समय फोटो खींच रहा था, धनु के साथ घटनास्थल पर ही मर गया, अन्य तीन मौके से भाग गए।इन नौ में से केवल नलिनी को ही भारतीय जांचकर्ताओं ने जीवित पकड़ा था। बाकियों की मौत आत्महत्या से हुई। जैसे ही जांचकर्ताओं ने उनका पता लगाया, शिवरासन ने खुद को गोली मार ली और अन्य लोगों ने साइनाइड खा लिया। – why rajiv gandhi killed
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जानिए कौन है एजी पेरारिवलन | wife of rajiv gandhi
एजी पेरारिवलन तमिलनाडु के एक छोटे से कस्बे का रहने वाला है। आपको बता दें कि, राजीव गांधी की हत्या के मामले में 11 जून 1991 को उसकी गिरफ्तारी हुई थी। उस समय वो महज 19 साल का था और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन की पढ़ाई कर रहा था। इस पढ़ाई को उन्होंने जेल में भी जारी रखा और अपना कोर्स पूरा किया। जिसमें उन्हें गोल्ड़ मेडल प्राप्त हुआ।
राजीव गांधी के 10 अनमोल वचन | Rajiv Gandhi Quotes
“हमें एक स्थिर जनसंख्या, स्वस्थ और बेहतर शिक्षित के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक बेहतर रणनीति की आवश्यकता है।”
“हर व्यक्ति को इतिहास से सबक लेना चाहिए। हमें यह समझना चाहिए कि जहां कहीं भी आंतरिक झगड़े और देश में आपसी संघर्ष हुआ है, वह देश कमजोर हो गया है। इस कारण, बाहर से खतरा बढ़ता है। देश को ऐसी कमजोरी के कारण देश बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।”
“जब मैं आया तो मेरा कोई व्यक्तिगत लक्ष्य नहीं था, लेकिन राजनीति में रहने के बाद – लोगों को, उनकी कठिनाइयों को, उनकी चाहतों को देखकर – मुझे लगता है कि हमारा लक्ष्य भारत से गरीबी को खत्म करना है।”
“महिलायें एक देश की सामाजिक चेतना होती हैं। वे हमारे समाज को एक साथ जोड़ कर रखती है।”
“एक राष्ट्रीय सहमति होनी चाहिए। हम राष्ट्रीय आम सहमति के बिना कानून नहीं बना सकते कि धार्मिक और सांप्रदायिक समूहों को राजनीति से पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए।”
“मैं उन दिग्गजों के बारे में सोचता हूं जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस बनाई। दुनिया ने शायद ही कभी महिलाओं और पुरुषों की एक महान आकाशगंगा देखी हो, स्वतंत्रता के लिए उनकी भक्ति में इतना निस्वार्थ, विचारों में इतना ऊंचा, कार्रवाई में इतना बहादुर, आत्मा में इतना शुद्ध।
“महात्मा गांधी के लिए, भारत की प्रगति की कुंजी इसके गांवों का विकास था। उनके एकीकृत दृष्टिकोण में, शिक्षा, कृषि, ग्रामोद्योग, समाज सुधार सभी शोषण से मुक्त और शहरी केंद्रों से समान रूप से जुड़े एक जीवंत ग्रामीण समाज के लिए आधार प्रदान करने के लिए एक साथ आए। हमारी योजना में यह बुनियादी अंतर्दृष्टि शामिल है।”
“मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि परमाणु अप्रसार संधि का हमारा विरोध पाकिस्तान से जुड़े किसी भी विचार से संबंधित नहीं है। इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर हमारी स्थिति सुसंगत और सैद्धांतिक है। हम एनपीटी पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि यह आज की स्थिति में है क्योंकि यह चरित्र में स्पष्ट रूप से भेदभावपूर्ण है। “
“हम लगातार बदलाव कर रहे हैं। आप यह उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि जिस मिनट इसे बनाया जाता है वह सब कुछ सही होगा। हालात बदलना; जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं वे गतिशील होते हैं।
शिक्षा को हमारे समाज में बराबरी का स्थान दिया जाता है। यह एक ऐसा उपकरण है जो हमारे पिछले हजारों सालों के सामाजिक व्यवस्था को एक बराबर के स्तर पर ला सकता है।”
“यदि किसान कमजोर हो जाते हैं तो देश आत्मनिर्भरता खो देता है, लेकिन अगर वे मजबूत हैं तो देश की स्वतंत्रता भी मजबूत हो जाती है। अगर हम कृषि की प्रगति को बरकरार नहीं रख पाए तो देश से हम गरीबी नहीं मिटा पाएंगे। लेकिन हमारा सबसे बड़ा कार्यक्रम गरीबी उन्मूलन हमारे किसानों के जीवन स्तर में सुधार लायेगा। गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम का मकसद किसानों का उत्थान करना है।”
“हमें यह याद रखना चाहिए कि आत्मनिर्भरता और गरीबी उन्मूलन की मांग – वास्तव में, वर्तमान पीढ़ी को कष्ट सहने और बलिदान करने के लिए मजबूर करती है। जो कार्यरत हैं उनका भारत के भविष्य के प्रति कर्तव्य है। उन्हें अधिक उत्पादक होना चाहिए और कम उपभोग करना चाहिए ताकि निवेश के लिए और गरीबों की मदद के कार्यक्रमों के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें। “
“भारत एक प्राचीन देश, लेकिन एक युवा राष्ट्र है. मैं जवान हूं और मेरा भी एक सपना है। मेरा सपना है भारत को मजबूत, स्वतंत्र, आत्मनिर्भर और दुनिया के सभी देशों में से प्रथम रैंक में लाना और मानव जाति की सेवा करना।”
“एक राष्ट्र की ताकत अंततः इस बात में निहित होती है कि वह अपने दम पर क्या कर सकता है, न कि इस बात में कि वह दूसरों से क्या उधार ले सकता है।”
“मैंने अपनी गतिविधियों में कभी भी असुरक्षित या प्रतिबंधित महसूस नहीं किया है।”
“मुझे लगता है कि पंजाब को आज जिस चीज की जरूरत है, वह है जोरदार आर्थिक विकास और विश्वास और सामाजिक एकता का पुनर्निर्माण। “
“मुझे लगता है कि मेरे पास हर चीज के लिए कम समय है। विधानसभा चुनाव इतनी जल्दी आ गए, और अभी बहुत काम करना बाकी है।”
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राजीव गांधी जयंती भाषण | Rajiv Gandhi Jayanti Speech
प्रिय सभी महान व्यक्तियों और सभी उपस्थित व्यक्तिगण,
आज हम इस महत्वपूर्ण और प्रेरणास्त्रोतक दिन पर इकट्ठे हुए हैं, जब हम राष्ट्रपिता राजीव गांधी की जयंती को मना रहे हैं। यह दिन हमें उनके विचारों, संकल्पों और संघर्षों का स्मरण करने का अवसर प्रदान करता है। राजीव गांधी ने अपने जीवन में न केवल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक महान नेता के रूप में बल्कि एक सोचने और समाज को सशक्त बनाने वाले विचारक के रूप में भी महत्वपूर्ण काम किए।
राजीव गांधी जी का संघर्ष भारतीय समाज को सशक्त बनाने के लिए एक प्रेरणा स्रोत रहा है। उन्होंने न केवल राजनीतिक मैदान में अपनी जगह बनाई, बल्कि उन्होंने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने युवाओं को समर्पित और कार्यात्मक नेतृत्व की महत्वपूर्णता को समझाया और उन्हें देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।
राजीव गांधी जी की विचारधारा में गरीबी कमी को दूर करने, शिक्षा को प्राथमिकता देने और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवाचार को प्रोत्साहित करने का विशेष महत्व था। उन्होंने गरीबों और महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए कई योजनाएं शुरू की थीं जो आज भी हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
उनका यथार्थपरायणता, संघर्षशीलता, और देशहित में अपनी अद्वितीय भूमिका ने हमें नये दिशानिर्देश प्रदान किए हैं। हमें उनके उत्कृष्ट आदर्शों का पालन करते हुए आगे बढ़ना चाहिए और देश को उनके सपनों की प्राप्ति के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए।
समाज के सभी वर्गों को उनके सोच और योजनाओं का सहयोग करते हुए, हमें एक मजबूत और समृद्ध भारत की दिशा में प्रयासरत रहना चाहिए। आइए, हम राजीव गांधी जी के जन्मदिन पर उनकी महानता को स्मरण करते हैं और उनके आदर्शों का अनुसरण करते हुए नये आयामों की ओर बढ़ते हैं।
धन्यवाद्।
राजीव गांधी जयंती निबंध | Rajiv Gandhi Jayanti Nibandh/Essay
परिचय:
राजीव गांधी, भारतीय राजनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। उनका जन्म 20 अगस्त 1944 को बॉम्बे, महाराष्ट्र में हुआ था। वे इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के पुत्र थे। उनके भाई का नाम संजय गांधी था और उनके दादा-दादी का नाम जवाहरलाल नेहरू और कमला नेहरू था। उन्होंने सोनिया गांधी से विवाह किया और उनके दो बच्चे थे – प्रियंका गांधी और राहुल गांधी।
जीवन और कार्य:
राजीव गांधी का जीवन राजनीति में समर्पित रहा। उन्होंने अपने प्रेरणास्त्रोत जवाहरलाल नेहरू और माता इंदिरा गांधी की शिक्षाओं का पालन करते हुए राष्ट्र की सेवा की। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में अपने पिता के पद की अधिष्ठान ली और उन्होंने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर अपनी भाषणों और कार्यों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया।
उन्होंने भारतीय राजनीति में नई दिशा देने के लिए ‘सुधारो’ कार्यक्रम शुरू किया और युवाओं को राजनीति में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने नई तकनीकों और विकास के क्षेत्र में नए दिशानिर्देश प्रस्तुत किए और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का प्रयास किया।
यादगार योगदान:
राजीव गांधी ने अपने छोटे समय से ही सामाजिक और राष्ट्रिय मुद्दों में रुचि दिखाई थी। उनकी प्रेरणा से लोगों की सोच और दृष्टिकोण बदले और उन्होंने एक उद्देश्यों से भरपूर जीवन जिए।
यादगार जयंती:
राजीव गांधी की जयंती हर साल 20 अगस्त को मनाई जाती है। इस दिन उनके योगदान को याद करके हमें उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की स्मृति बनाए रखनी चाहिए। उनका योगदान हमारे राष्ट्र की स्वतंत्रता और विकास में महत्वपूर्ण था और हमें उनकी महानता को सलामी देनी चाहिए।
समापन:
राजीव गांधी ने अपने जीवन में भारतीय समाज के विकास और सुधार के लिए समर्पित किया। उनकी जयंती पर हमें उनके योगदान को याद करके उनके आदर्शों का पालन करने की प्रेरणा मिलती है।
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Rajiv Gandhi Nibandh | राजीव गांधी जयंती निबंध PDF Download
प्रस्तावना:
राजीव गांधी, जिनका जन्म 20 अगस्त 1944 को बॉम्बे, महाराष्ट्र में हुआ था, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री रहे हैं। उनके जीवन की कहानी और योगदान आज भी हमें प्रेरित करते हैं।
प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक प्रवेश:
राजीव गांधी का जन्म भारतीय स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधी के पोते के रूप में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी था। उनके नाना-नानी भी भारतीय राजनीति के महत्वपूर्ण नेता रहे थे – नाना जवाहरलाल नेहरु और नानी कमला नेहरु। राजीव गांधी का शिक्षा और संस्कार घर के परिवेश से मिला, जिसने उन्हें जागरूक और देशप्रेमी बनाया।
राजनीतिक कैरियर:
राजीव गांधी ने पहली बार 1981 में राजनीति में कदम रखा, जब उन्होंने वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ा था। बाद में, उन्होंने अमेठी से भी चुनाव लड़े और विजय प्राप्त की।
प्रधानमंत्री कार्यकाल:
राजीव गांधी ने 1984 में अपनी मां इंदिरा गांधी के बाद प्रधानमंत्री के पद की कमान संभाली। उनका प्रधानमंत्री बनने का कार्यकाल अपने पहले शौर्ययात्रा से भरपूर था। उन्होंने देश के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जैसे कि गाँधीग्राम योजना, जिसमें गाँधी के आदर्शों के अनुसार गाँवों का विकास किया गया।
सामाजिक पहल:
राजीव गांधी ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने और उनकी स्थिति में सुधार करने के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी और महिलाओं को समाज में बेहतर स्थान पर पहुँचाने का प्रयास किया।
हत्या और विरासत:
दुखद तौर पर, राजीव गांधी का जीवन 21 मई 1991 को हमें छोड़कर चला गया। उनकी हत्या एक आतंकवादी हमले में हुई थी। उनका योगदान देश की स्वतंत्रता की लड़ाई से लेकर समाज के सुधार तक कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण रहा।
उपसंहार:
राजीव गांधी एक सजीव उदाहरण थे जिन्होंने अपने योगदान से देश को एक बेहतर दिशा में आगे बढ़ने की मार्गदर्शन की। उनका जन्मदिन हर साल 20 अगस्त को ‘राजीव गांधी जयंती’ के रूप में मनाया जाता है, जिससे उनके योगदान को याद किया जाता है और हमें उनके महत्वपूर्ण सिखों का अनुसरण करने की प्रेरणा मिलती है।
राजीव गांधी को मिले हुए सम्मान | why do we celebrate gandhi jayanti
राजीव गांधी के देश के प्रगति और विकास में योगदान के लिए मरणोपरांत भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ” भारत रत्न ” पुरस्कार से भी सम्मानित किया था ।
राजीव गांधी की याद में बने स्मारक
- राजीव गांधी की याद में सम्मान में निनैवागम श्रीपेरुमपुदुर में स्मृति स्थल का निर्माण किया गया है।
- हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम भी राजीव गांधी के नाम पर राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से रखा गया है।
- राजीव गांधी की स्मृति और सम्मान में राजीव गांधी के नाम पर यूनिवर्सिटी का नाम राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय रखा गया है।
- इस यूनिवर्सिटी को जिसे राजीव गांधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी के नाम से भी जाना जाता है।
- इसके साथ कई सारी यूनिवर्सिटी या है जिसका नाम यूनिवर्सिटी एंड बायोटेक्नोलॉजी राजीव गांधी के सम्मान से भी रखा गया है।
Airports
Rajiv Gandhi International Airport at Hyderabad, Telangana.
Awards
Rajiv Gandhi National Quality Award
Rajiv Gandhi National Sadbhavana Award
Educational Institutions
Assam Rajiv Gandhi University of Cooperative Management, Sivasagar, Assam
Rajiv Gandhi Science Centre, Mauritius
Rajeev Gandhi Memorial Boarding School, Sheopur, Madhya Pradesh
Rajiv Gandhi Academy for Aviation Technology, Trivandrum, Kerala
Rajiv Gandhi Centre for Biotechnology, Thiruvananthapuram, Kerala.
Rajiv Gandhi College of Engineering, Sriperumbudur, Tamil Nadu
Rajiv Gandhi College of Engineering and Technology, Puducherry
Rajiv Gandhi College of Engineering, Research and Technology, Chandrapur, Maharashtra
Rajiv Gandhi College of Veterinary and Animal Sciences, Puducherry
Rajiv Gandhi Degree College, Rajahmundry, Andhra Pradesh
Rajiv Gandhi Education City, Sonipat, Haryana
Rajiv Gandhi Foundation, Delhi
Rajiv Gandhi Government Engineering College Kangra, Himachal Pradesh
Rajiv Gandhi Government Polytechnic, Itanagar, Arunachal Pradesh
Rajiv Gandhi Institute of Medical Sciences, Adilabad, Telangana
Rajiv Gandhi Institute of Medical Sciences, Ongole, Andhra Pradesh
Rajiv Gandhi Institute of Medical Sciences, Srikakulam, Andhra Pradesh
Rajiv Gandhi Institute of Petroleum Technology, Rae Bareli, Uttar Pradesh
Rajiv Gandhi Institute of Pharmacy, Trikaripur, Kerala
Rajiv Gandhi Institute of Technology, Kottayam, Kerala
Rajiv Gandhi Institute of Technology, Mumbai, Maharashtra
Rajiv Gandhi Medical College, Kalwa, Maharashtra
Rajiv Gandhi National Aviation University, Raebareli, Uttar Pradesh
Rajiv Gandhi National Cyber Law Center, Delhi
Rajiv Gandhi National University of Law, Patiala, Punjab
Rajiv Gandhi Polytechnic, Kavalkhed, Udgir, Maharashtra
Rajiv Gandhi Proudyogiki Vishwavidyalaya, Bhopal, Madhya Pradesh
Rajiv Gandhi School of Intellectual Property Law, Kharagpur
Rajiv Gandhi Technical University, at Bhopal, Madhya Pradesh
Rajiv Gandhi University, Doimukh, Arunachal Pradesh.
Rajiv Gandhi University of Health Sciences, Bangalore, Karnataka.
Rajiv Gandhi University of Knowledge Technologies, Basar, Telangana
Rajiv Gandhi University of Knowledge Technologies, Nuzvid, Andhra Pradesh
Hospitals
Rajiv Gandhi Cancer Institute and Research Centre, Delhi
Rajiv Gandhi Government General Hospital, at Chennai, Tamil Nadu.
Rajiv Gandhi Government Women And Children’s Hospital, Pondicherry
Rajiv Gandhi Chest Hospital, Bengaluru
Sports Stadiums
Rajiv Gandhi Indoor Stadium, Kochi, Ernakulam, Kerala
Rajiv Gandhi Stadium, Belapur, Navi Mumbai.
Rajiv Gandhi International Cricket Stadium, Dehradun, Uttarakhand.
Rajiv Gandhi International Cricket Stadium, Hyderabad, Telangana.
Rajiv Gandhi Sports Complex, Rohtak, Haryana
Rajiv Gandhi Stadium, Aizawl, Mizoram.
Museums
Rajiv Gandhi Garden, Udaipur, Rajasthan
Rajiv Gandhi Regional Museum of Natural History, Sawai Madhopur, Rajasthan
Rajiv Smruthi Bhavan, Visakhapatnam
Rajiv Gandhi Wild Life Sanctuary, (Formerly known as Nagarjunasagar – Srisailam Tiger Reserve), Andhra Pradesh
Schemes
Rajiv Gandhi Equity Savings Scheme
Rajiv Yuva Kiranalu
Rajiv Gandhi Panchayat Sashaktikaran Abhiyan
Rajiv Gandhi Grameen Vidyutikaran Yojana
Others
Rajiv Gandhi Charitable Trust, Delhi
Rajiv Gandhi Container Terminal, at Kochi, Kerala
Rajiv Gandhi Bhawan, Delhi
Rajiv Gandhi Combined Cycle Power Project, at Alappuzha district, Kerala.
Rajiv Gandhi Infotech Park, Pune, Maharashtra
Rajiv Gandhi National Institute of Youth Development, Delhi
Rajiv Gandhi Memorial, Sriperumbudur, Tamil Nadu
Rajiv Gandhi Salai, Chennai
Rajiv Gandhi Setu, Mumbai
Rajiv Gandhi Thermal Power Station
Rajiv Gandhi से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां | राजीव गांधी की जयंती
- राजीव गांधी के शिव निकेतन स्कूल से उनके शिक्षकों द्वारा यह पता चला था कि वह स्वभाव से काफी शर्मीले थे और उनका चित्र कला के प्रति काफी लगाव था।
- राजीव गांधी ने इंजीनियरिंग संकाय की जगह ट्रिनिटी कॉलेज में की थी परंतु वह अपनी पढ़ाई शुरू नहीं कर पाए थे।
- वर्ष 1966 के के दौरान वह भारत लौट आए थे क्योंकि उनकी माता इंदिरा गांधी भारत के प्रधानमंत्री बनी थीं।
- भारत आने के बाद वह दिल्ली फ्लाइंग क्लब में शामिल हुए और प्रशिक्षित पायलट बने थे।
- राजीव गांधी को वर्ष 1981 में भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
- ऑपरेशन ब्लू स्टार के प्रतिशोध में उनकी माता इंदिरा गांधी के अंगरक्षकों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
- फिर उसी दिन से राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला शुरू कर दिया था।
- राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद सबसे पहले anti defection कानून को पारित किया था।
- यह कानून के अंदर किसी भी संसद या विधायक को अगले चुनाव तक किसी भी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने पर प्रतिबंध किया गया था।
- राजीव गांधी ने वर्ष 1988 में स्वर्ण मंदिर अमृतसर में छिपे बंदूकधारियों को बाहर निकालने के लिए ब्लैक थंडर ऑपरेशन की शुरुआत भी की थी।
- यह ऑपरेशन के लिए उन्होंने दो समूह का गठन किया था
- राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड
- स्पेशल एक्शन ग्रुप
- वर्ष 1991 मई में जब आखिरी बार राजीव गांधी चेन्नई के निकट एक गांव श्रीपेरंबदूर में थे, उस जगह वह लोकसभा कांग्रेस के लिए उम्मीदवार का प्रचार करने गए थे।
- इसी प्रचार के दौरान राजीव गांधी की हत्या हुई थी।
- Thenmozhi Rajaratnam नाम की महिला प्रचार के दौरान भीड़ से निकलकर राजीव गांधी को मिलने के लिए आई थी।
- महिला ने एक बेल्ट बांधा था जिसके अंदर करीब 700 ग्राम आर डी एक्स था जैसे ही वह महिला राजीव गांधी को अभिवादन करने के लिए झुकी तभी अचानक से ब्लास्ट हुआ जिसके अंदर राजीव गांधी की मृत्यु हुई थी।
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राजीव गाँधी नेशनल सद्भावना अवार्ड (Rajiv Gandhi Sadbhavana Awards) –
Where did rajiv gandhi died: राजीव गांधी नेशनल सद्भावना अवॉर्ड एक भारती पुरस्कार , जो सांप्रदायिक सद्भाव, राष्ट्रीय एकता और शांति को बढ़ावा देने देने के योगदान के लिए दिया जाता है और यह पुरस्कार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अखिल भारतीय कांग्रेस समिति द्वारा शुरू किया गया था 1992 मैं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा दिए गए योगदान को स्थाई बनाने के लिए इस पुरस्कार की शुरुआत की गई थी और पुरस्कार के तौर पर शुरुआत में 5 लाख की राशि बाटी गई , और तब से लेकर आज तक हर साल सद्भावना दिवस के इस उपलक्ष में सद्भावना वोट का फंक्शन रखा जाता है और यह अवार्ड दिया जाता है अभी तक भारत में इन इन लोगों को मिल चुका है यह बोर्ड जिसके लिए हमने आपको सारणी नीचे दी है-
क्रमांक | नाम |
1. | मदर टेरेसा |
2. | सुनील दत्त |
3. | लता मंगेशकर |
4. | उस्ताद बिस्मिलाह खान |
5. | के आर नारायण |
6. | जगन नाथ कॉल |
7. | दिलीप कुमार |
8. | मौलाना वहिद्दुनी खान |
9. | कपिला वात्स्यानन |
10. | मोहम्मद युनुस |
11. | हितेश्वर सैकिया और सुभद्रा जोशी (संयुक्त रूप में) |
12. | निर्मला देशपांडे |
13. | तीस्ता सीतलवाड़ और हर्ष मंडेर (संयुक्त रूप में) |
14. | एस एन सुब्बाराव, स्वामी अग्निवेश और मदारी मोईदीन (संयुक्त रूप में) |
15. | एन राधाकृष्णन |
16. | डी.आर.मेहता |
17. | हेम दत्ता |
18. | मुजफ्फर अली (भारत के नामी फ़िल्मकार) |
19. | स्पिक मैके |
20. | गौतम भाई |
21. | अमजद अली खान |
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